EPFO का नया नियम लागू! अब सरकार देगी कम से कम ₹9000+ DA पेंशन, जानें पूरी डिटेल।

Technical Pandit Ji
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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत आने वाले लाखों कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। हाल ही में, चेन्नई ईपीएफ पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया को एक पत्र लिखकर न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 9,000 रुपये प्रति माह करने की मांग की है। यह मांग ऐसे समय में आई है जब सरकार ने हाल ही में सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की घोषणा की है।

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वर्तमान में, EPFO के तहत आने वाले कर्मचारियों को कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) 1995 के अंतर्गत न्यूनतम 1,000 रुपये प्रति माह की पेंशन मिलती है। यह राशि 2014 में तय की गई थी और तब से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। ऐसे में, बढ़ती महंगाई और जीवन यापन की बढ़ती लागत को देखते हुए, निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की ओर से पेंशन में बढ़ोतरी की मांग लगातार उठ रही है।

EPFO पेंशन योजना एक नजर में

विवरणजानकारी
मौजूदा न्यूनतम पेंशन1,000 रुपये प्रति माह
प्रस्तावित न्यूनतम पेंशन9,000 रुपये प्रति माह + महंगाई भत्ता
लाभार्थीलगभग 75 लाख EPFO पेंशनर्स
योजनाकर्मचारी पेंशन योजना (EPS) 1995
पेंशन फॉर्मूला(अंतिम 60 महीने की बेसिक सैलरी X नौकरी का कार्यकाल) / 70
नियोक्ता का योगदानकर्मचारी की बेसिक सैलरी का 8.33%
कर्मचारी का योगदानबेसिक सैलरी का 12%
पात्रता10 साल की सेवा और 58 वर्ष की आयु

EPFO पेंशन में बढ़ोतरी की मांग क्यों?

बढ़ती महंगाई और जीवन यापन की उच्च लागत के कारण, 1,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन पर्याप्त नहीं मानी जा रही है। चेन्नई ईपीएफ पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन का कहना है कि जब सरकारी कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत लाभ मिल रहा है, तो निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को भी समान सुविधाएं मिलनी चाहिए।

एसोसिएशन ने अपने पत्र में कहा है कि EPS 1995 के तहत आने वाले लगभग 75 लाख पेंशनर्स हैं, जबकि यूनिफाइड पेंशन स्कीम से केवल 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। इसलिए, EPFO पेंशनर्स की चिंताओं को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।

वर्तमान EPFO पेंशन व्यवस्था

• न्यूनतम पेंशन: 1,000 रुपये प्रति माह (2014 से लागू)

• पेंशन फॉर्मूला: (अंतिम 60 महीने की बेसिक सैलरी X नौकरी का कार्यकाल) / 70

• योगदान:

  • कर्मचारी: बेसिक सैलरी का 12%
  • नियोक्ता: बेसिक सैलरी का 12% (जिसमें से 8.33% पेंशन फंड में जाता है)
  • पात्रता: 10 साल की सेवा और 58 वर्ष की आयु।

प्रस्तावित बदलाव और मांगें

  1. न्यूनतम पेंशन: 9,000 रुपये प्रति माह + महंगाई भत्ता
  2. सैलरी सीमा: वर्तमान में 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये करने का प्रस्ताव
  3. पेंशन फॉर्मूला में संशोधन: ताकि कर्मचारियों को अधिक लाभ मिल सके
  4. महंगाई भत्ते का समावेश: ताकि बढ़ती कीमतों से निपटा जा सके।                     ZARA
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EPFO पेंशन बढ़ाने के फायदे

  1. बेहतर जीवन स्तर: पेंशनर्स को अपने खर्चों को बेहतर तरीके से पूरा करने में मदद मिलेगी।
  2. आर्थिक सुरक्षा: बुढ़ापे में आर्थिक चिंताओं से राहत मिलेगी।
  3. समानता: सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के बीच पेंशन लाभों में अंतर कम होगा।
  4. बचत को प्रोत्साहन: लोग अपने कार्यकाल के दौरान अधिक बचत करने के लिए प्रेरित होंगे।

EPFO पेंशन: अतीत से वर्तमान तक

• 1995: कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) की शुरुआत

• 2014: न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये प्रति माह तय की गई

• 2023: श्रम मंत्रालय ने 2,000 रुपये न्यूनतम पेंशन का प्रस्ताव रखा (स्वीकृत नहीं हुआ)

• 2024: 9,000 रुपये + DA की मांग उठी 

EPFO पेंशन बढ़ाने के सुझाव

  1. क्रमिक बढ़ोतरी: एक साथ बड़ी बढ़ोतरी के बजाय, चरणबद्ध तरीके से पेंशन बढ़ाई जा सकती है।
  2. निवेश रणनीति में बदलाव: EPFO फंड के निवेश पैटर्न में बदलाव करके अधिक रिटर्न हासिल किया जा सकता है।
  3. कवरेज का विस्तार: अधिक कर्मचारियों को EPFO के दायरे में लाकर फंड को मजबूत किया जा सकता है।
  4. स्वैच्छिक योगदान: कर्मचारियों को अतिरिक्त योगदान का विकल्प देकर उनकी पेंशन बढ़ाई जा सकती है।
  5. कर प्रोत्साहन: पेंशन योजना में अधिक योगदान के लिए कर लाभ दिए जा सकते हैं।

EPFO पेंशन बढ़ाने के संभावित प्रभाव

  1. आर्थिक गतिविधि में वृद्धि: अधिक पेंशन से वरिष्ठ नागरिकों की क्रय शक्ति बढ़ेगी, जो अर्थव्यवस्था को गति दे सकती है।
  2. सामाजिक सुरक्षा में सुधार: बुजुर्गों के लिए बेहतर वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
  3. श्रम बाजार पर प्रभाव: बेहतर पेंशन लाभ से युवा कार्यबल को आकर्षित करने में मदद मिल सकती है।
  4. बचत और निवेश में वृद्धि: लोग भविष्य के लिए अधिक बचत और निवेश करने के लिए प्रेरित होंगे।

EPFO पेंशन योजना में संभावित सुधार

  1. डिजिटलीकरण: पेंशन प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल बनाकर कार्यक्षमता बढ़ाई जा सकती है।
  2. पोर्टेबिलिटी: नौकरी बदलने पर पेंशन खाते की पोर्टेबिलिटी को आसान बनाया जा सकता है।
  3. पारदर्शिता: पेंशन फंड के प्रबंधन और निवेश में अधिक पारदर्शिता लाई जा सकती है।
  4. लचीलापन: कर्मचारियों को अपनी पेंशन योजना को अपनी जरूरतों के अनुसार कस्टमाइज करने की अनुमति दी जा सकती है।

EPFO पेंशन: अंतरराष्ट्रीय तुलना

भारत की EPFO पेंशन योजना की तुलना अन्य देशों की पेंशन व्यवस्थाओं से करना महत्वपूर्ण है:

  1. जापान: वृद्ध आबादी के लिए मजबूत पेंशन प्रणाली
  2. स्वीडन: लचीली और स्थायी पेंशन व्यवस्था
  3. ऑस्ट्रेलिया: अनिवार्य सुपरएन्युएशन प्रणाली
  4. चिली: निजी पेंशन फंड पर आधारित व्यवस्था

इन देशों के अनुभवों से सीख लेकर भारत अपनी EPFO पेंशन योजना को और बेहतर बना सकता है।

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अस्वीकरण:

यह लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। वर्तमान में, EPFO द्वारा न्यूनतम पेंशन राशि को 9,000 रुपये प्रति माह करने का कोई आधिकारिक नियम या घोषणा नहीं की गई है। यह मांग कुछ पेंशनर संगठनों द्वारा उठाई गई है, लेकिन अभी तक सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे EPFO की आधिकारिक वेबसाइट या सरकारी सूचनाओं पर ही भरोसा करें। किसी भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञों की सलाह लें।

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